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प्रीत जगाकर मेरे मन में, जा बैठे किस देश पिया। प्रियवर मेरे कब आओगे, बिन तेरे घबराए जिया। खत में तेरी महक छुपी है, बहक गया मन बौराया, तन मेरा बस ...