1 Part
240 times read
6 Liked
लावणी छंद भारत माॅं की चिट्ठी आई, अब तो जागो रखवाले। जंजीरों से जकड़ी माता, पड़े बदन पर हैं छाले।। नहीं सहन अब होती पीड़ा,ऑंचल शोणित से गीला। करे तोप बंदूके ...