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शिव भजन *************** ओंकारेश्वर, हे ममलेश्वर! रेवा तट पर वास हुआ। जिसने पूजे औघड़ दानी, उसका ही उद्धार हुआ॥ मंधाता पर्वत पर बैठे, सब का कष्ट निवार हुआ। अंत समय को ...