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भाग 84 दैत्य नगरी को बहुत सुन्दर तरीके से सजाया गया था । महाराज वृषपर्वा ने अपना हृदय बड़ा करके देवयानी को पुत्री की तरह मानकर उसके विवाह का समस्त प्रबंध ...