स्वैच्छिक विषय सावरे

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प्यार कर सांवरे मैं सँवर ,जाऊँगी। अब न कर राररे वर्ना मर जाऊंगी। तू भुला दे मुझे याकि दे-दे शरण, मैं किसी गैरके अब न दर जाऊंगी। तू बना ले  सुहागन,,, ...

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