1 Part
217 times read
17 Liked
ख़्वाब था मैं तेरा बेशक मगर चाहत मैं था नहीं ।। समंदर बेशक गहरा हो सकता है मगर मार सकता वो किसी के ख्वाब नहीं।। कमज़ोर है वक्त के आगे बेशक ...