94 Part
545 times read
20 Liked
भाग 86 जनेत (बारात) चार दिन रुकी थी । इन चार दिनों में शर्मिष्ठा को एक पल को भी चैन नहीं मिला था । देवयानी उसे छोड़ती ही नहीं थी । ...