1 Part
319 times read
7 Liked
विष्णुपद छंद गीत 16/10 सृजन शब्द-किस्मत किस्मत ही रूठी है अपनी, डूब रहा सब है। याद सदा ही आता हमको,अब तो वह रब है।। मन की बात कहें हम किससे, कौन ...