लेखनी प्रतियोगिता -01-Sep-2023किस्मत

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विष्णुपद छंद गीत 16/10 सृजन शब्द-किस्मत किस्मत ही रूठी है अपनी, डूब रहा सब है। याद सदा ही आता हमको,अब तो वह रब है।। मन की बात कहें हम किससे, कौन ...

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