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शीर्षक बचपन आओ थोड़ा जी लेते हैं बचपन की गलियों में, अंर्तमन सीं लेते हैं मासूम रंगरलियों में। तज कर वर्तमान जीवन का विषाद, कर लेते हैं मधुर बचपन को याद। ...