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"बचपन" जब जब देखूं बच्चों को रोते गाते हँसते खेलते आंखों से झलकती शैतानी कोनों में बैठकर छिप छिप कर करते हैं वो अपनी मनमानी मन मेरा मारे किलकारी खो जाऊं ...