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कल एक झलक ज़िंदगी को देखा, वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी, फिर ढूँढा उसे इधर उधर वो आंख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी एक अरसे के बाद आया मुझे ...