1 Part
290 times read
11 Liked
कविता -कृष्ण बाल लीला अब आन बसौ मोहन मन में, तेरी सूरत मन को भावत है। बचपन में तू जीवन की सबै, खूब लीला करत दिखावत है।| ठुमकत चलत बजै पैजनिया, ...