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*कान्हा तेरी प्रीत* न मैं राधा, न मैं मीरा फिर भी मैं बन तेरी बावरिया, गली-गली तुझको ढूंढ रही हूँ, तुझ बिन इकपल चैन नहीं सँवरिया। तू क्या जाने इंतजार की ...