1 Part
299 times read
13 Liked
मैं माटी का एक खिलौना-2, तीन लोक तू नाथ, सजन मैं कैसे पाऊं साथ, सजन मैं कैसे पाऊं साथ.... जन्म-जन्म से आस लगाई, तुझमें ही मैं देखा, भटक रही हूँ हर ...