माटी का खिलौना

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मैं माटी का एक खिलौना-2, तीन लोक तू नाथ, सजन मैं कैसे पाऊं साथ, सजन मैं कैसे पाऊं साथ.... जन्म-जन्म से आस लगाई, तुझमें ही मैं देखा, भटक रही हूँ हर ...

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