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*तन माटी का* वाह रे!ईश्वर क्या तेरी कलाकारी है, तन माटी के दिल पर शीशे की नक्काशी है, चोट जिस्म की मरहम कई बनाई है, चोट लगे दिलपर तो किरचें हजार ...