1 Part
236 times read
10 Liked
*तेरी रूह* फना हुआ जिस्म रूह तो जीवित है, न सही सशरीर मगर रूहानी हर सूं है तू ही तू, साया बन साथ-साथ रहती है, अकेला कभी रहने नहीं देती तू। ...