तेरी रूह

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*तेरी रूह* फना हुआ जिस्म रूह तो जीवित है, न सही सशरीर मगर रूहानी हर सूं है तू ही तू, साया बन साथ-साथ रहती है, अकेला कभी रहने नहीं देती तू। ...

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