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आराधना स्वैच्छिक कविता प्रतियोगिता हेतु कविता# प्रतियोगिता आराधना कोई हो मेरे जज्बातों का कद्रदान, तो कोई हो मेरी दुर्बलताओं पर मेहरबान। मुझे रहे अपनी सीमाओं का ध्यान, करूँ मैं जनहित का ...