दिल शीशे सा

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टूट गया शीशे सा दिल शर्त ये लगाये बैठी हूं। कभी दर्द तो कभी खुशी को दबाये बैठी हूं। कितने वर्षों से लिऐ हुए हुं आंखों में ख़्वाब, न जाने दिल ...

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