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दिल मेरा शीशे का है कितना तुम इसे तोड़ोगे दिल को मेरे कब तक ऐसे किसी और के वास्ते जोड़ोगे कभी शक कभी गुस्से के हक में ऐसे कलाई मोड़ोगे कहके ...