1 Part
221 times read
12 Liked
दैनिक प्रतियोगिता स्वैच्छिक कविता *सब कुछ खत्म होने के बाद* 💥 हर बार तोड़ा हर बार छोड़ा इस तरह दिल निचोड़ा कि कतरा कतरा हो गई मुझे यूं कुचला किसी ने ...