खुद तकदीर अपने हाथ से लिखते जाओ तो, जिंदगी की किताब खुद से पढ़ते जाओ तो। असंभव कुछ भी नही अगर तुम ठान लो तो,  एकाग्रता से अगर आगे बढ़ते जाओ  ...

×