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शीर्षक :हिन्दी सी तुम... हिन्दी सी तुम गुनगुनाती रहो, अपनी चंचल शोक अँखियों से। डूबा रहा बस रेस्टोरेंट रहूं, बिन कहे तेरी मेरी बात ऐसी हो। शब्दों के ये सितारे टिमटिमाकर ...