1 Part
228 times read
16 Liked
सिर पर रूढ़ियों का घोर वजन मस्तिष्क में रिश्तों की उलझन आंखों में अनगिनत सजते सपन यही तो है भारतीय नारी जीवन । अधरों पे कंपकंपाती हुई व्यथा सूखा कंठ कहता ...