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धड़कनें दे रहीं हैं दस्तक, दीदार-ए-यार हो जाए। बोझिल हुईं हया से पलकें, हुस्न-ए-महताब हो जाए। झील सी गहरी हैं निगाहें, मैं इनमें ही डूब गया हूँ, खुशबू तू मेरे तन-मन ...