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यादें बचपन बड़ी सुहानी, जैसे बहता पानी धार। उछल कूद कर मौज मनाएँ, बच्चों का है ये संसार। खुशियों के पल थे बचपन के, खेल-कूद में थे मशगूल। बगिया-बगिया फिरे महकते, ...