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कविता -विश्वास पत्थर तो पत्थर दिल सा मुलायम कहां! किन्तु! पत्थर दिल भी मुलायम होता वहां तो! बेजान कठोर कर्कश ठोकरें देने वाले पत्थर को! कैसे काट-छांट , तोड़-फोड़ कर ठोकरें ...