लेखनी कहानी -25-Sep-2023

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ग़ज़ल 1222 1222 122   नहीं मौके मिले हमको खुशियों के,  उठाए गम हैं हमने बेरुखी के। 1 कभी जो पास था दिल के हमारे,  ज़रा तेवर तो देखो अब उसी ...

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