पतझड़ फिर सपनों का एक महल बनाया ख्वाबों के रंगों से उस सजाया बसाया उसमे एक मीठा अहसास उस संजो के रखा दिल के पास। ऋतु बदली, मौसम बदला पतझड़ फिर ...

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