1 Part
243 times read
10 Liked
आज कल सोचती हूं आज कल तुम क्या कर रहे हो कुछ धूंधले से ख्वाब अब भी मेरे पास पड़े है, क्या उनकी खोज में बैचैन हो रहें हो कुछ रातों ...