29-Sep-2023 ह مزاحیہ نظم

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जुमेरात की रोटी   नाम हो मुर्दों, का पर ज़िंदा, ही खाए फातिहा आए मुल्ला जी जब इक घर में बराए फातिहा पास के घर से बुलंद आवाज़ रोने की सुनी ...

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