दोनों जहाँन तेरी मुहब्बत में हार के  वो जा रहा है कोई शब-ए-गम गुजार के । वीरा है मयकदा खुम-ओ-सागर उदास है  तुम क्या गए कि रूठ गए दिन बहार के ...

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