आभास

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खुद से ही घबरा कर भागा, जा बैठा तन्हाई में। सोच-सोच कर सोच रहा हूँ, जा पहुँचा गहराई में। विगत चिंतन समक्ष निरंतर, खुले चक्षु चलचित्र कालांतर, कहाँ-कहाँ मैं पथ से ...

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