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तारीफ तारीफ करूँ क्या उस रब की, जिसने संसार बनाया है। कहीं बनाए गहरे सागर, कहीं पठार बनाया है।। हरित वर्ण से खेत सजे हैं, नभ सागर सा नीला है। कहीं ...