खत- माँ का बेटे के लिए

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क्या वो दिन भी कभी नजर आएगा? जब तू मेरे साथ एक दिन ठहर जाएगा! (.......बचपन..........) जब तू पहली बार बचपन में बीमार था, टूटा मेरे ऊपर दुखों का अंबार था। ...

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