लेखनी प्रतियोगिता -01-Oct-2023

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कोमलता मुक्तक कोमलता की आशा रखना व्यर्थ सदा है शूलों से। काँटे छलनी ही करते हैं, नहीं सीखते फूलों से।। सदा स्वयं को सही मानना भी मानो इक गलती है। कहाँ ...

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