अपराजेय गांधी (अतुकांत)

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गांधी अपराजेय गांधी(अतुकांत)  व्यक्ति नहीं पूजा जाता, पूजा जाता है व्यक्तित्व- व्यक्ति तो होता है हाड़-मांस का एक पुतला,  जिसकी नियति है गल जाना-सड़ जाना-पूर्ण रूपेण समाप्त हो जाना। अमरत्व,दैवत्व की ...

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