सोच का फर्क

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"सोच का फर्क" बाहर जोरदार बारिश शुरू हो चुकी थी।आसमान काले बादलों से घटाटोप था। रह रह कर लपलपाती बिजलियों की कड़कड़ाहट और बादलों की भयंकर गर्जना, ऐसा लग रहा था ...

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