1 Part
216 times read
23 Liked
तू चल साथ मेरे आज आव-ओ-हवा ठीक नहीं। दूर तलक अंधेरा है कोई शमा रोशन ही नहीं। हम भी आ बैठे हैं महफिल-ए दीदार हो जाए, ख्वाहिश अधूरी है नज़र-ए इनायत ...