1 Part
62 times read
5 Liked
कभी मोहब्बत कभी दर्द... कभी आंसू भी छुपाती है गरीबी.... परहेज़ करती है नुमाइश ए मोहब्बत से... हर रंग दिल का दबाती है गरीबी.... नाराज़गीया जाएज़ है तुम्हारी.... कभी दूरिया बढ़ा ...