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तेरे बाद ज़िन्दगी पता नहीं कैसी होंगी.. जिसका तसव्वुर करते हुए रूह काँप जाती है... शायद वैसी होंगी.... मेरा मुकद्दर तेरी मोहब्बत पर टिका है.... दर दर्द दिल का तेरे लफ्ज़ ...