लेखनी प्रतियोगिता -11-Oct-2023 ग़ज़ल

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        ग़ज़ल मिल गई थी ज़िंदगी,,यूँ ही हमको चलते हुए राह में।  आ कर खड़ी हो गई, कुछ जाने पहचाने अंदाज़ में।।  आवक से खड़े थे हम, उसके ...

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