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मन की बात तेरा-मेरा बहुत हो गया, अब मन की कुछ बात करें। करुणा रूपी बादल बनकर, प्रेम-नीर-बरसात करें।। रक्तपात का दौर चल गया, गए भूल हम अपनापन। लुका-छुपी के घृणित ...