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मौन मौन…कितना शोर है इस मौन में भी, कितनी आवाज़ें, दबी रहती हैं इन सन्नाटों में, कुछ ना कहना भी, कितना कुछ कह जाता है। यह मौन कभी कश्मकश, तो कभी ...