शबनम

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इश्क  ने  कब  कहाँ  किसी  की  बात  मानी  है  ये तो कमल के पत्तों पर ठहरा शबनम का पानी है  ए खुदा जाने कितने दिन बचे हैं हमारे पास अब वो ...

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