लेखनी कहानी -24-Oct-2023

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चांद को बांहों में देखकर मचल उठा है मन  कमल से अधरों को छूने को लालायित गगन  रेशमी जुल्फों की रात में हसीं लगता है चांद  थरथरी सी उठ रही है ...

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