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तेरे इंतकाम का ये आलम रहा कि फिजा में हर तरफ मातम रहा तेरे अहसानों की महरबानी रही मेरी नजरों पर तेरा सितम रहा बरबादे मुहब्बत की क्या मिसाल दूँ जो ...