शरद पूर्णिमा

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पूनम चाँद निकल कर आया, धरा पर अमृत बरसाने। पायस थाली भरके लाया, नर-नारी को हर्षाने। धवल चाँदनी चली धरा पर, रजत चुनरिया फैलाए, कुदरत मुग्ध सिमटती जाए,  फ़लक सितारे इतराए। ...

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