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*# प्रतियोगिता हेतु* मरहटा छंद 10,08,11 पदांत 21 हे मेरे गिरधर, सुन लो प्रियवर, आओ ले अवतार। तुम हो मुरलीधर, सुख के सागर, देदो रस की धार।। कान्हा दो दर्शन, बेकल ...